"नसीब वालो की ज़िंदगी है"।
वगरना करने को ख़ुदकुशी है ॥
अगरचे जीना बड़ा ज़रूरी ।
तो मौत उतनी ही लाज़िमी है ॥
तुम्हे भरोसा नहीं अभी तक ।
हमारी चाहत में क्या कमी है ॥
लगी है चेहरों पे जिनके कालिख ।
उन्हीं के घर में ही रोशनी है ॥
ग़रीब की आर्ज़ू हमेशा ।
अमीर के क़र्ज़ में दबी है ॥
जो लूटता है इसे ये दुन्या ।
उसी की उंगली पे नाचती है ॥
सुना के 'सैनी' ग़ज़ल ये तू ने ।
बड़े ही मौक़े पे चोट की है ॥
डा० सुरेन्द्र सैनी
वगरना करने को ख़ुदकुशी है ॥
अगरचे जीना बड़ा ज़रूरी ।
तो मौत उतनी ही लाज़िमी है ॥
तुम्हे भरोसा नहीं अभी तक ।
हमारी चाहत में क्या कमी है ॥
लगी है चेहरों पे जिनके कालिख ।
उन्हीं के घर में ही रोशनी है ॥
ग़रीब की आर्ज़ू हमेशा ।
अमीर के क़र्ज़ में दबी है ॥
जो लूटता है इसे ये दुन्या ।
उसी की उंगली पे नाचती है ॥
सुना के 'सैनी' ग़ज़ल ये तू ने ।
बड़े ही मौक़े पे चोट की है ॥
डा० सुरेन्द्र सैनी
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