रिहाई की बनेगी बात कब तक ।
अयाँ होंगे मेरे जज़्बात कब तक ॥
अकेले ही मुझे जाना पडेगा ।
सफ़र में तुम रहोगे साथ कब तक ॥
अजल का आ गया है वक़्त अब तो ।
मिलेगी प्यार की सौग़ात कब तक ॥
जिताने को हमेशा मैं सनम को ।
अबस खाता रहूँगा मात कब तक ॥
अना को मार कर मैं दोस्तों से ।
भला लेता रहूँ ख़ैरात कब तक ॥
रक़ीब अब भी करे ज़ख़मों को ताज़ा ।
पियेगा खूँ मेरा बदज़ात कब तक ॥
मियाँ 'सैनी' बता दे इस वतन के ।
"रहेंगे यार ये हालात कब तक "॥
डा० सुरेन्द्र सैनी
अयाँ होंगे मेरे जज़्बात कब तक ॥
अकेले ही मुझे जाना पडेगा ।
सफ़र में तुम रहोगे साथ कब तक ॥
अजल का आ गया है वक़्त अब तो ।
मिलेगी प्यार की सौग़ात कब तक ॥
जिताने को हमेशा मैं सनम को ।
अबस खाता रहूँगा मात कब तक ॥
अना को मार कर मैं दोस्तों से ।
भला लेता रहूँ ख़ैरात कब तक ॥
रक़ीब अब भी करे ज़ख़मों को ताज़ा ।
पियेगा खूँ मेरा बदज़ात कब तक ॥
मियाँ 'सैनी' बता दे इस वतन के ।
"रहेंगे यार ये हालात कब तक "॥
डा० सुरेन्द्र सैनी
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