क्या हसीं चांदनी रात है |
आज उनसे मुलाक़ात है ||
मैं हूँ दुन्या में सबसे अमीर |
हाथ में आपका हाथ है ||
मैंने खाया है जो भी फ़रेब |
वो हसीनों की सौग़ात है ||
दोस्ती करना है बात और |
पर निभाना बड़ी बात है ||
हो सकूँ आपसे मैं ख़फ़ा |
एसी मेरी न औक़ात है ||
वस्ल में करके इनकार यूँ |
“दिल दुखाना बुरी बात है ||”
अब तो लहरा उठेगा सुखन |
आज ग़ज़लों की बरसात है ||
इश्क़ में ढूंढिए मत कभी |
शह कहाँ है कहाँ मात है ||
तू सदाक़त की राहों पे चल |
फिर तो ‘सैनी’ तेरे साथ है ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
आज उनसे मुलाक़ात है ||
मैं हूँ दुन्या में सबसे अमीर |
हाथ में आपका हाथ है ||
मैंने खाया है जो भी फ़रेब |
वो हसीनों की सौग़ात है ||
दोस्ती करना है बात और |
पर निभाना बड़ी बात है ||
हो सकूँ आपसे मैं ख़फ़ा |
एसी मेरी न औक़ात है ||
वस्ल में करके इनकार यूँ |
“दिल दुखाना बुरी बात है ||”
अब तो लहरा उठेगा सुखन |
आज ग़ज़लों की बरसात है ||
इश्क़ में ढूंढिए मत कभी |
शह कहाँ है कहाँ मात है ||
तू सदाक़त की राहों पे चल |
फिर तो ‘सैनी’ तेरे साथ है ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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