Thursday, 24 April 2014

दुन्या

चाँद तारों से खेलती दुन्या ।
हो हमेशा ये आपकी दुन्या ॥

याद के दायरे में छोटी है ।
नाम को तो है ये बड़ी दुन्या ॥

एक दिन तो मज़ा चखाती है ।
क़द न ज़ुल्मी का देखती दुन्या ॥

लोग वो सब भरम में जीते हैं ।
जो ये सोचें कि है बुरी दुन्या ॥

है ज़मीर आपका अगर ऊँचा ।
तब इशारों पे नाचती दुन्या ॥

आइने की तरह ये दिखती है ।
हैं भले आप तो भली दुन्या ॥

ले चला साथ में हमें 'सैनी'।
और हमने भी देखली दुन्या ॥

डा० सुरेन्द्र सैनी
 

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